SMALL THOUGHTS
विद्या वही हैं, जिसे प्राप्त करके हम अपने आचरण में सम्मिलित कर सकें। तथा धन वही हैं जिसका आवश्यकता होने पर सदुपयोग किया जा सके।
विद्या वही हैं, जिसे प्राप्त करके हम अपने आचरण में सम्मिलित कर सकें। तथा धन वही हैं जिसका आवश्यकता होने पर सदुपयोग किया जा सके।
आज कल रजाई ओढे ओढे कई बार ये सोचता हूँ कि वो बर्फ ओढ़कर हमारी रक्षा कैसे करते होंगे?
मन के जिस दरवाजे से शक अंदर प्रवेश करता हैं… प्यार और विश्वास उसी दरवाजे से बाहर निकल जाते हैं…!
शब्द और दिमाग से दुनिया जीती जाती है मगर…. दिल तो आज भी दिल से ही जीता जाता है, ये ही रिश्तों की कामयाबी का रहस्य है!
मुसीबतें रुई से भरे थैले की तरह होती हैं देखते रहेंगे तो बहुत भारी दिखेगी और उठा लेंगे तो एकदम हल्की हो जायेंगी…