SMALL THOUGHTS
शीशा और रिश्ता दोनों नाजुक होते हैं, पर दोनों में अंतर यह है कि, शीशा गलती से टूट जाता है और रिश्ता गलतफहमी से!
शीशा और रिश्ता दोनों नाजुक होते हैं, पर दोनों में अंतर यह है कि, शीशा गलती से टूट जाता है और रिश्ता गलतफहमी से!
स्वयं का दर्द महसूस होना, जीवित होने का प्रमाण हैं… लेकिन….. औरों के दर्द भी महसूस करना, इंसान होने का प्रमाण हैं…!!
मन में आने वाले विचार की आयु सिर्फ एक पल की होती है, किन्तु इससे होने वाले प्रभाव को हम अनंत समय तक महसूस करते हैं!
आज के ज़माने में शुभचिंतक ऐसे होते जा रहे हैं जो हमारा शुभ होते देखकर चिंतित हो जाते हैं ।
बिखरी हुई मिट्टी एक हो जाये तो ईंट बन जाती है, बिखरी हुई ईंटें इकट्ठी हो जाये तो दीवार बन जाती है और बिखरी हुई दीवारें आपस में जुड़ जायें …