SMALL THOUGHTS
आदमी साधनों से नहीं, साधना से श्रेष्ठ बनता है। आदमी भवनों से नहीं, भावना से श्रेष्ठ बनता है। आदमी उच्चारण से नहीं, उच्च आचरण से श्रेष्ठ बनता है। अतः आज …
आदमी साधनों से नहीं, साधना से श्रेष्ठ बनता है। आदमी भवनों से नहीं, भावना से श्रेष्ठ बनता है। आदमी उच्चारण से नहीं, उच्च आचरण से श्रेष्ठ बनता है। अतः आज …
दुनिया एक ही है लेकिन सबकी अलग- अलग है।
हम भूतकाल में जा के आरंभ को बदल नहीं सकते लेकिन हम जहां हैं वहां से एक नई शुरूआत कर अंत को बदल सकते हैं।
कोई हमारा बुरा करना चाहता है तो ये उसके कर्मों में लिखा जाएगा। हम क्यों किसी का बुरा सोच कर अपना ”कर्म” और “समय” दोनों खराब करें।